"घरौंदा मन का"
"बातें जो दिल से निकलें और दिल को छू जाये... बातें कुछ हमारी और बातें कुछ तुम्हारी"
Tuesday, February 22, 2011
वजह
हर मोड़ पर कदम रुक जातें हैं ,
हर मोड़ सवाल सा लगता है ,
क्या करूं बार बार दिल ये पूछता है
मुस्कुराने की वजह खुद से तलाश करता है,
किसी से कुछ कह भी नही पाता ,
हर बात सुन लेने की वजह सोचता है ..............
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