एक दोस्त हो तुम ...कुछ अलग से तस्वीर हो तुम ...
अपनों के बीच , अपनों की तलाश करती हो तुम ...
हंसकर बातें हो करती सबसे,
पर मन में सब छिपाती हो तुम...
बिंदास , अल्हड़, सपनों से परे,
एक कहानी हो तुम ...
खुद की रेखाओं से लडती हो तुम,
रेत पर खुद के निशान तलाशती हो तुम ...
कैसे पिरोउं शब्दों में ,
एक दोस्त हो तुम , कुछ अलग सी तस्वीर हो तुम ...