Sunday, April 14, 2013

एक दोस्त हो तुम

एक दोस्त हो तुम ...कुछ अलग से तस्वीर हो तुम ... अपनों के बीच , अपनों की तलाश करती हो तुम ... हंसकर बातें हो करती सबसे, पर मन में सब छिपाती हो तुम... बिंदास , अल्हड़, सपनों से परे, एक कहानी हो तुम ... खुद की रेखाओं से लडती हो तुम, रेत पर खुद के निशान तलाशती हो तुम ... कैसे पिरोउं शब्दों में , एक दोस्त हो तुम , कुछ अलग सी तस्वीर हो तुम ...