Sunday, November 27, 2016

"तुम"

"माथे पर बिंदी,
आँखों में काजल की धार,
एक मीठी सी मुस्कान ,
और भोली सी सूरत ,
नहीं जानता इससे ज्यादा,
तुमको शब्दों में ........"

Wednesday, November 9, 2016

"लिखते मेरे लिए"

"काश तुम भी कुछ लिखते मेरे लिए 
अधूरा, अंतहीन, कुछ सारांश रहित 
धुंध में खोते खुद के साए की तरह
कुछ चट्टानों सी खामोशी,
तो कुछ लहरों जैसा शोर,
उकेरते मुझको भी अपने शब्दों के जाल में
काश तुम भी कुछ लिखते मेरे लिए
अधमुंदी नींद के धुंधले सपने की,
अटपटी बातों को
अधूरे प्रेम के सफर में देते, कुछ राहों का नाम
झूठा ही सही, शब्दों के वजूद में निखारते मुझको
गढ़ते बिना शीर्षक एक अधूरा लेख
जिनमें होती मेरी काया,
तुम्हारे छोड़े अधूरे ख्यालों की,
काश तुम भी कुछ लिखते मेरे लिए"